Masik Shivaratri 2025 Vrat Katha: Puja Vidhi, Start-End Timings, Tithi

Masik Shivaratri 2025:- Masik Shivaratri, a revered Hindu festival dedicated to Lord Shiva, holds immense significance for devotees across the globe. Celebrated monthly, this auspicious occasion offers believers a chance to express their devotion, seek blessings, and observe fasting rituals. In 2025, Masik Shivaratri will be observed on April 26, 2025. This article will delve into the Vrat Katha (fasting story), Puja Vidhi (worship procedure), and the start-end timings for this sacred day.

Masik Shivaratri 2025 Date

भगवान शिव के भक्तों के लिए मासिक शिवरात्रि एक महत्वपूर्ण पर्व है, जिसे हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है। इस दिन विशेष पूजा और व्रत का आयोजन किया जाता है, जिसमें भगवान शिव और माता पार्वती की आराधना की जाती है। इस लेख में हम मासिक शिवरात्रि की व्रत कथा, पूजा विधि और महत्वपूर्ण समय की जानकारी साझा करेंगे।

Masik Shivaratri

Masik Shivratri is observed on the Chaturdashi of the Krishna Paksha every month. Fasting and worshipping on this day can help devotees achieve their desired results from Mahadev. Additionally, it is believed that the worship on Masik Shivratri is incomplete without reciting the Vrat Katha. Those who fast and recite the Katha on this day will have all their wishes fulfilled by Bholenath.

Masik Shivaratri 2025 Details

Article forMasik Shivaratri 2025 Vrat Katha: Puja Vidhi, Start-End Timings, Tithi
Event NameMasik Shivaratri 2025
DateApril 26, 2025
Start Time11:47 PM
End Time12:35 AM
SignificanceWorship of Lord Shiva for peace and prosperity
Puja MethodOfferings of Bilva leaves, water, and flowers; recitation of Vrat Katha
Puja MuhuratNight hours (Nisha Kaal)
Main RitualsAbhishekam, Aarti, and chanting of “Om Namah Shivaya”
Associated LegendStory of the hunter Chitrabhanu and his devotion to Lord Shiva
CategoryTrending

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Masik Shivratri 2025 Date and Time

Masik Shivratri शुभ मुहूर्त

मासिक शिवरात्रि का व्रत April 26, 2025 को रात 11 बजकर 47 मिनट से शुरू होगा और अगले दिन 27 April 2025 को सुबह 12 बजकर 35 मिनट तक चलेगा। इस दौरान की गई पूजा विशेष फलदायी मानी जाती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस पूजा का शुभ मुहूर्त निशा काल में होता है।

पूजा का शुभ मुहूर्त (Masik Shivratri Puja Shubh Muhurat)

  • तारीख: April 26, 2025
  • शुरुआत का समय: रात 11:47 PM
  • समापन का समय: 27 April 2025, सुबह 12:35 AM

इस अवधि के दौरान पूजा करने से भक्तों को भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और उनकी सभी इच्छाएं पूरी होती हैं।

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मासिक शिवरात्रि व्रत कथा (Masik Shivratri Vrat Katha)

मासिक शिवरात्रि व्रत कथा

प्राचीन कथा

प्राचीन काल में एक शिकारी था जिसका नाम चित्रभानु था। वह जानवरों का शिकार कर अपने परिवार का पालन करता था। उसे एक साहूकार से कर्ज लेना पड़ा, जिसे वह समय पर चुका नहीं पा रहा था। इस कारण साहूकार ने उसे शिव मठ में बंदी बना लिया। संयोग से, उस दिन शिवरात्रि थी।

साहूकार के घर पूजा चल रही थी, और चित्रभानु ध्यानमग्न होकर भगवान शिव के बारे में सुनता रहा। अगले दिन, उसने शिवरात्रि की कथा भी सुनी। साहूकार ने उसे अपने कर्ज के बारे में पूछा, और चित्रभानु ने वादा किया कि वह अगले दिन अपना कर्ज चुका देगा।

अनजाने में पूजा

चित्रभानु जंगल में शिकार के लिए निकला। भूख-प्यास से परेशान होकर, वह एक तालाब के किनारे एक बेल के पेड़ पर चढ़ गया। वहीं, उसने देखा कि शिवलिंग बिल्वपत्रों से ढका हुआ है। उसने अनजाने में शिवलिंग पर टहनियाँ गिरा दीं, जिससे उसकी पूजा हो गई। रात के समय, एक गर्भिणी हिरणी तालाब पर पानी पीने आई। शिकारी ने उसे शिकार करने के लिए तीर खींचा, लेकिन हिरणी ने उसे बताया कि वह गर्भवती है और जल्द ही अपने बच्चों को जन्म देगी। उसकी बात सुनकर शिकारी ने तीर छोड़ दिया। इस प्रकार, अनजाने में ही उसकी पूजा भी पूरी हो गई।

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महादेव ने दी मनोकामना पूर्ण का आशीर्वाद

इस दिन एक गरीब ब्राह्मण गांव में आए, जो देखने में कमजोर लग रहा था। ब्राह्मण और उसकी पत्नी ने उस गरीब को सम्मानपूर्वक भोजन कराया। माना जाता है कि जिस तरह से ब्राह्माण और उसकी पत्नी ने गांववालों को भोजन कराया, व्रत रखा और भगवान शिव की उपासना की, उनकी भक्ति देखकर महादेव बेहद प्रसन्न हुए। भगवान ने ब्राह्मण और उसकी पत्नी की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करने का आशीर्वाद दिया। तभी से हर साल लोग भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए मासिक शिवरात्रि का व्रत रखते हैं।

Masik Shivaratri पूजा विधि (Puja Vidhi)

Masik Shivaratri पूजा विधि

  • स्नान: सुबह स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  • मंडल बनाना: पूजा स्थल पर एक मंडल बनाएं और उस पर शिवलिंग स्थापित करें।
  • बिल्वपत्र और जल: शिवलिंग पर बिल्वपत्र और जल चढ़ाएं।
  • आरती और मंत्र: भगवान शिव की आरती करें और “ॐ नमः शिवाय” का जाप करें।
  • व्रत कथा का पाठ: मासिक शिवरात्रि की व्रत कथा का पाठ अवश्य करें।
  • प्रसाद वितरण: पूजा के बाद प्रसाद का वितरण करें और श्रद्धालुओं के बीच बांटें।

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निष्कर्ष

मासिक शिवरात्रि का व्रत न केवल श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक है, बल्कि यह भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने का एक साधन भी है। इस दिन व्रत और पूजा-पाठ करने से जीवन में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है। भगवान शिव की कृपा से आपके सभी कार्य सफल हों।

Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है। इसे किसी भी परिस्थिति में प्रमाणित नहीं किया जा सकता है।

FAQ’s

What is Masik Shivaratri?

Masik Shivaratri is a monthly observance dedicated to Lord Shiva, celebrated on the Chaturdashi of the Krishna Paksha (waning phase of the moon) every month. It is a significant day for devotees to perform prayers and rituals in honor of Lord Shiva.

When is Masik Shivaratri in 2025?

मासिक शिवरात्रि पर किये जाने वाले मुख्य अनुष्ठान क्या हैं?

भक्तजन आमतौर पर अनुष्ठान करते हैं जिसमें शिव लिंग को स्नान कराना और सजाना, बिल्व पत्र चढ़ाना, मंत्रों का जाप करना, व्रत कथा का पाठ करना और आरती करना शामिल होता है।

इस दिन व्रत कथा सुनने का क्या महत्व है?

व्रत कथा का पाठ करना बहुत ज़रूरी माना जाता है क्योंकि इसमें भगवान शिव से जुड़ी कहानियाँ और शिक्षाएँ बताई जाती हैं। ऐसा माना जाता है कि इसे सुनने और उस पर मनन करने वालों को शांति, समृद्धि और मनोकामनाएँ पूरी होती हैं।

मासिक शिवरात्रि की पूजा कैसे करें?

पूजा के समय भगवान शिव का अभिषेक कच्चे दूध, गंगाजल और जल से करें। इसके बाद बेलपत्र, धतूरा, भांग आदि अर्पित करें। भोग लगाने के बाद शिव जी की आरती करें और शिव चालीसा तथा शिव के मंत्रों का जाप करें।

मासिक शिवरात्रि व्रत कब खत्म करना है?

चतुर्दशी तिथि (चंद्र दिवस) की मध्य रात्रि तक उपवास रखना अनिवार्य है।

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