Sawan Me Shadi Kyu Nhi Hoti:- सावन का महीना हिन्दू कैलेंडर का एक अत्यंत महत्वपूर्ण और पवित्र समय होता है। यह महीना विशेषकर भगवान शिव की पूजा-अर्चना के लिए प्रसिद्ध है, और इसके साथ ही यह एक धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व का भी होता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इस पवित्र महीने में विवाह क्यों नहीं होते? आइए, इस लेख में जानें कि सावन में शादी क्यों नहीं की जाती है और इसके पीछे क्या कारण हैं।
Sawan Me Shadi Kyu Nhi Hoti
Main Contents
धार्मिक शास्त्रों के अनुसार सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित है और यह साल का उनका सबसे पसंदीदा समय माना जाता है। इस महीने में भक्त भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए व्रत रखते हैं और तरह-तरह की पूजा-अर्चना करते हैं। ऐसा माना जाता है कि सावन में भगवान शिव को प्रसन्न करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। अविवाहित लड़कियां अक्सर मनचाहा वर पाने की कामना से भोलेनाथ की पूजा करती हैं, जबकि विवाहित महिलाएं अपने वैवाहिक जीवन में खुशहाली के लिए भगवान शिव और माता पार्वती दोनों से आशीर्वाद मांगती हैं। इस महीने की पवित्रता के बावजूद, सावन में पारंपरिक रूप से विवाह नहीं किए जाते हैं। आइए इस प्रथा के पीछे के पौराणिक कारणों को जानें।
सावन का धार्मिक महत्व
सावन का महीना जुलाई और अगस्त के बीच आता है और यह विशेष रूप से भगवान शिव की आराधना के लिए जाना जाता है। इस महीने में हर सोमवार को महादेव की पूजा की जाती है, जिसे ‘सावन सोमवार’ कहा जाता है। यह समय श्रद्धालुओं के लिए उपासना, तपस्या और धार्मिक अनुष्ठानों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होता है।
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सावन माह की शुरुआत हुई
पंचांग के अनुसार, सावन का पवित्र महीना आज यानी 22 जुलाई को सावन सोमवार से शुरू हो रहा है। इस दिन भक्त भगवान शिव और माता पार्वती का आशीर्वाद पाने के लिए व्रत रखते हैं। सावन की शुरुआत के साथ ही हिंदू धर्म में विवाह जैसे शुभ कार्यों को करने पर रोक लगा दी जाती है।
सावन में क्यों नहीं होती शादी?
हिंदू धर्म में सावन का महीना बहुत पवित्र होता है और इस दौरान भक्त भगवान शिव की पूजा-अर्चना करते हैं। सावन में शादियां इसलिए नहीं की जाती हैं क्योंकि यह महीना चातुर्मास के अंतर्गत आता है, यह वह समय होता है जब भगवान विष्णु चार महीने के लिए योग निद्रा में होते हैं। चूंकि विवाह के लिए भगवान विष्णु के आशीर्वाद की आवश्यकता होती है, इसलिए इस दौरान विवाह स्थगित कर दिए जाते हैं। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, जब भगवान विष्णु योग निद्रा में होते हैं, तो वे पृथ्वी की जिम्मेदारी भगवान शिव को सौंप देते हैं। इस प्रकार, भगवान शिव की पूजा करना विशेष लाभकारी माना जाता है, लेकिन भगवान शिव विवाह में भाग नहीं लेते हैं, यही कारण है कि सावन में विवाह नहीं किए जाते हैं।
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सावन में शादी करने की परंपरा का अभाव
- धार्मिक मान्यताएँ: हिन्दू धर्म में सावन का महीना धार्मिक आराधना और तपस्या के लिए समर्पित होता है। यह समय आत्म-संयम और पूजा-पाठ के लिए होता है, न कि विवाह जैसे सांसारिक आयोजनों के लिए। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस महीने में शादी करना शुभ नहीं माना जाता है, क्योंकि यह समय साधना और ध्यान के लिए होता है।
- तिथियों की अनुकूलता: हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, विवाह के लिए शुभ मुहूर्त (अवसर) की आवश्यकता होती है। सावन के महीने में अधिकतर शुभ मुहूर्त नहीं होते, जिससे इस महीने में शादी करना अनुकूल नहीं होता है। इसके बजाय, अन्य महीनों में अधिक शुभ मुहूर्त होते हैं, जो विवाह के लिए उपयुक्त होते हैं।
- मौसम की स्थिति: सावन का महीना आमतौर पर मानसून के मौसम के साथ मेल खाता है। इस मौसम में बार-बार बारिश और खराब मौसम की स्थिति होती है, जो बड़े विवाह समारोह के आयोजन के लिए उपयुक्त नहीं होती। बारिश के कारण सड़कें खराब हो सकती हैं और यात्रा की समस्याएँ बढ़ सकती हैं।
- सामाजिक परंपराएँ: भारतीय समाज में अनेक परंपराएँ और विश्वास होते हैं जो सामाजिक मान्यताओं के आधार पर बनती हैं। सावन में विवाह न करने की परंपरा भी समाज की उन मान्यताओं का हिस्सा है, जिनका पालन सैकड़ों वर्षों से किया जा रहा है।
सावन के बाद कब होंगी शादियां
सावन के बाद शादी के लिए आपको तीन महीने का इंतजार करना होगा, क्योंकि 12 नवंबर को देवउठनी एकादशी पर चातुर्मास समाप्त होंगे और मांगलिक कार्य शुरू होंगे।
- पंचांग के अनुसार, नवंबर में विवाह के लिए शुभ मुहूर्त 16, 17, 18, 22, 23, 24, 25, 26, और 28 तारीख को हैं।
- दिसंबर में विवाह के लिए शुभ मुहूर्त 2, 3, 4, 5, 9, 10, 11, 13, 14, और 15 तारीख को हैं।
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Conclusion
The month of Sawan is full of religious and spiritual significance, and social events like marriages are ignored during this time. This time is dedicated to the worship and penance of Lord Shiva, while the tradition of marriage is postponed due to the Yoga Nidra of Lord Vishnu. According to religious beliefs, the worship of Lord Shiva during this period is considered extremely fruitful, but organizing a wedding is not considered appropriate then. Thus, marriage rituals are not performed out of respect and reverence for the holy month of Sawan.
FAQ’s
सावन में शादी क्यों नहीं होती?
सावन का महीना भगवान शिव की पूजा और तपस्या के लिए विशेष होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस महीने में भगवान विष्णु योग निद्रा में होते हैं, और विवाह जैसे आयोजनों के लिए उनकी अनुमति आवश्यक होती है। इसलिए, सावन के दौरान शादी नहीं की जाती।
सावन का महीना कितना महत्वपूर्ण है?
सावन का महीना हिन्दू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह भगवान शिव की पूजा का प्रमुख समय होता है, और इस दौरान विशेष उपासना और व्रत किए जाते हैं।
क्या सावन के दौरान अन्य धार्मिक अनुष्ठान किए जा सकते हैं?
हाँ, सावन के दौरान भगवान शिव की पूजा, व्रत, और अन्य धार्मिक अनुष्ठान किए जा सकते हैं। यह समय श्रद्धा और ध्यान का होता है, न कि विवाह जैसे सामाजिक आयोजनों का।
सावन में विवाह के लिए कोई विशेष मान्यता है?
हाँ, धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सावन में भगवान शिव विवाह में शामिल नहीं होते, और भगवान विष्णु योग निद्रा में रहते हैं, जिससे विवाह की परंपरा स्थगित रहती है।
सावन के अलावा कौन से महीने में विवाह करना उचित माना जाता है?
हिन्दू धर्म में, विवाह के लिए कई शुभ मुहूर्त होते हैं जो सावन के अलावा अन्य महीनों में होते हैं। इनमें माघ, फाल्गुन, और आश्वयुज जैसे महीने शामिल हैं।
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